POETRY SKY
Tuesday, April 3, 2012
रज़ा- ए - नकाब
खुदा की रज़ा में तो हम भी राज़ी थे ,
जब तलक तूने अपनी रज़ा को उसका नकाब न था ओढ़ाया
ए काज़ी
. ---दीपी
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